साधारणतः


                                                       भादो शुक्ल दशमी को तेजाजी का पूजन होता हे |
तेजाजी का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में खरनाल गाँव में माघ शुक्ला, चौदस वार गुरुवार संवत ग्यारह सौ तीस, तदनुसार २९ जनवरी १०७४, को धुलिया गोत्र के जाट परिवार में हुआ था।
उनके पिता चौधरी ताहरजी (थिरराज) राजस्थान के नागौर जिले के खरनाल गाँव के मुखिया थे।
मनसुख रणवा ने उनकी माता का नाम रामकुंवरी लिखा है। तेजाजी का ननिहाल त्यौद गाँव (किशनगढ़) में था। तेजाजी का भारत के जाटों में महत्वपूर्ण स्थान हे | यह सत्य का पालन करने वाले, नाग देवता, गायो की रक्षा करने के रूप में प्रसिद्ध हे |

तेजाजी के पुजारी को घोडला एव  चबूतरे को थान कहा जाता हे |
सेंदेरिया तेजाजी का मूल स्थान हे यंही पर नाग ने इन्हें डस लिया था | ब्यावर में तेजा चोक में तेजाजी का एक प्राचीन थान हे |

नागौर  का खरनाल भी तेजाजी का महत्वपूर्ण स्थान हे |
प्रतिवर्ष भादवा सुधि दशमी को नागौर जिले के परबतसर गाव में तेजाजी की याद में "तेजा पशु मेले" का आयोजन किया जाता हे |

वीर तेजाजी को "काला और  बाला" का देवता कहा जाता हे |
इन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता हे |

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